गुरु है मेरा अनमोल-दो:हज़ारों बच्चों का भविष्य सवांरने वाले मास्टर करम हुसैन इदरीसी को सलाम!

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जुग्गी राम राही ने यह रचना अपने गुरू के चरण श्री में की है समर्पित

इण्डो नेपाल पोस्ट “ के बहुचर्चित स्तम्भ “गुरु है मेरा अनमोल”स्तम्भ के लिए देश भर से रचनाएं व लेख प्रकाशन हेतु मिल रहे हैं। साहित्य,कला,खेलकूद,व अन्य क्षेत्र से जुड़े लोग अपने अपने गुरुओं को सच्चे मन से याद कर रहे हैं। इस स्तम्भ की दूसरी क़िस्त में “जुग्गी राम राही”की एक रचना को हम प्रकाशित कर रहे हैं। उन्होंने इस रचना को अपने परम आदरणीय गुरु “मास्टर करम हुसैन इदरीसी को समर्पित किया है। जुग्गी राम राही पेशे से खुद अध्यापक हैं।बकौल राही मास्टर करम हुसैन एक  ऐसी शख्सियत, किरदार, कलमकार, शिक्षक, उदघोषक, मनीषी, सकारात्मक सोच के प्रतीक एवं राष्ट्र को सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाले व्यक्तित्व एवं कृतित्व का नाम है ,जिन्होंने हजारों बच्चों का भविष्य सँवारा है अर्थात गुरुदेव परमादरणीय करम हुसेन इदरीसी जी। आपके कमलवत चरणों में यह रचना सादर समर्पित….

हे कुम्हार हे शिल्पकार, चरणों का शत -शत वन्दन है।
हे शिक्षा के अग्रदूत, कोटि -कोटि अभिनन्दन  है।।

बेजान पत्थरों को गढ़कर, हीरा आप बनाते हैं।
अंतस से तमस मिटा गुरुवर, मार्ग प्रशस्त बनाते हैं।।

अनुशासन पाषाण सा, स्नेह खरा  नवनीत  ।
गुरु शिष्य के मध्य में, ऐसी आपकी प्रीति  ।।

नन्हें से इक बीज को, वट स्वरूप दे देते हैं।
सारे अवगुण को मिटा, प्रज्ञामय  कर देते हैं।।

हे ईश्वर हे जगत पिता, यदि मानव तन फिर से पाऊँ।
गुरुदेव श्री इदरीशी का, चरण शरण मैं तब  पाऊँ।।

                              जुग्गी राम रही
                      (शिक्षक एवं नेशनल एनाउंसर)

बढ़नी, सिद्धार्थनगर,

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