सिद्धार्थनगर:जनपद स्थापना दिवस पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन

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टुकड़े, टुकड़े, टुकड़े, टुकड़े, जितने तनमन उतने टुकड़े, टुकड़ों से ही पूछ रहा हूँ, मेरा हिंदुस्तान कहाँ है,(डॉ ज्ञानेंद्र द्विवेदी, दीपक)

मिली न एक भी शादी की दावत लाकडाउन में, अजब सी हो गयी दुनिया की हालत लाकडाउन में .(नियाज़ कपिलवस्तुवी)

सग़ीर ए खाकसार

सिद्धार्थनगर,30 दिसम्बर।इण्डो नेपाल पोस्ट

जनपद स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में कवियों ने विविध रसों की रचनाएँ प्रस्तुत कर ख़ूब तालियां बटोरीं. मंगलवार को लोहिया कला भवन में आयोजित कवि सम्मेलन का शुभारंभ कवयित्री सत्यमवदा शर्मा की सरस्वती वंदना से हुआ.

तत्पश्चात ज़िले के युवा शायर संघशील झलक ने अपनी ग़ज़लों से युवाओं को लहालोट कर भरपूर वाहवाही लूटी. जनपद के वरिष्ठ रचनाकार ब्रह्मदेव शास्त्री पंकज की रचना-

समंदर में उठा तूफान, है सैलाब दरिया में,

किसीकी आंख से दो बूंद आंसू बह गये होंगे,

सुनाकर श्रोताओं की कोमल संवेदनाओं को झंकृत कर दिया. नैनीताल से आए मशहूर कवि मोहन मुंतज़िर ने अपनी बारी में एक से बढ़कर एक कविताएँ प्रस्तुत कर कार्यक्रम को नयी ऊंचाई प्रदान की. उनकी रचना-

फिर किसी से मिलाएंगे नज़रें, फिर किसी से मोहब्बत करेंगे.

वो अगर बेवफा हो गयी तो, दूसरी से मोहब्बत करेंगे

सुनकर युवा श्रोता देर तक तालियां बजाते रहे. इसी क्रम में जनपद के युवा कवि पंकज सिद्धार्थ ने अपनी उम्दा ग़ज़लों के माध्यम से प्यार, मोहब्बत भाईचारे का सशक्त संदेश दिया. ज़िले के मशहूर शायर नियाज़ कपिलवस्तुवी ने अपनी रचना के माध्यम से लाकडाउन की यादों को साझा करते हुए कहा-

बजे न बैंड बाजे, न ही शहनाई की धुन गूंजी,

मिली न एक भी शादी की दावत लाकडाउन में, अजब सी हो गयी दुनिया की हालत लाकडाउन में .

लाकडाउन से जुड़ी नियाज़ की यह रचना लोगों ने ख़ूब सराही.


अपनी बारी में जनपद के वरिष्ठ रचनाकार डाक्टर ज्ञानेंद्र द्विवेदी दीपक ने देश की एकता अखंडता को समर्पित रचना-

टुकड़े, टुकड़े, टुकड़े, टुकड़े, जितने तनमन उतने टुकड़े, टुकड़ों से ही पूछ रहा हूँ, मेरा हिंदुस्तान कहाँ है,

सुनाकर लोगों को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत कर दिया. दिल्ली से आए हास्य कवि योगेन्द्र सुंद्रियाल की रचनाओं पर ख़ूब ठहाके लगे.


सुप्रसिद्ध हास्य कवि बादशाह प्रेमी के संचालन में रात बारह बजे तक धुआंधार चले कार्यक्रम में कवयित्री प्रीति गुप्ता, रत्नेश रत्न, नूर क़ासमी, डाक्टर जावेद कमाल, जावेद सरवर, नियाज़ आज़मी आदि ने भी विविध रसों की कविताएँ सुनाकर श्रोताओं को भरपूर रसास्वादन कराया. अंत में बतौर मुख्य अतिथि सांसद जगदंबिका पाल ने ऐतिहासिक कार्यक्रम के लिएआयोजन समिति की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए सभी कवियों, शायरों और जनपदवासियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए निकट भविष्य में भव्य कपिलवस्तु महोत्सव के आयोजन की मंशा भी प्रकट की. कार्यक्रम में प्राशिसं के जिलाध्यक्ष राधे रमण त्रिपाठी, योगेन्द्र पांडेय, फतेहबहादुर सिंह, कैप्टन नीरज श्रीवास्तव, डाक्टर अरूण त्रिपाठी, सर्वेश जायसवाल, समाजसेवी राणाप्रताप सिंह, नीतेश पांडेय, रामकरन गुप्ता आदि कई उपस्थिति उल्लेखनीय रही.

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