स्वतंत्र भारत के कुछ मुस्लिम वैज्ञानिक- ( भाग 3 )

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इण्डो नेपाल पोस्ट की यह नई श्रृंखला  देश के प्रसिद्ध मुस्लिम वैज्ञानिकों और उनके योगदान पर केंद्रित है।विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में इन वैज्ञानिकों के योगदान  के बारे में बता रहे हैं ….खुर्शीद अहमद !जो फिलवक्त कतर में रहते हैं आप मूलतः यूपी के सिद्धार्थनगर जिले के बढनी के रहने वाले हैं।प्रस्तुत है इस श्रृंखला की तीसरी किस्त….!

गतांक से आगे

खुर्शीद अहमद

6 — अनीसुर रहमान : क्या आप भारत में जन्में किसी ऐसे वैज्ञानिक को जानते हैं जिनके नाम पर अमरीका हर साल पुरस्कार वितरण करता हो ?

हां !वह हैं Father of molecular dynamics के नाम से मशहूर डाक्टर अनीसुर रहमान साहब और इनके नाम पर अमरीकन फिजिकल सोसाइटी हर वर्ष जिस अवार्ड को बांटती है उसका नाम है ” अनीसुर रहमान प्राइज फार आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट इन कम्प्यूशनल रिसर्चस “।

24 अगस्त 1927 को हैदराबाद में जन्म लेने वाले डाक्टर अनीसुर रहमान की शुरुआती शिक्षा हैदराबाद में हुई उसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और बेल्जियम से फिजिक्स में पीएचडी किया।डाक्टर अनीसुर रहमान को कम्प्यूटिंग एप्लिकेशन के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान के लिए जाना जाता है आज भी कम्प्यूटर में लिखे जाने वाले कई कोड्स उनके द्वारा पेश किए गए algorithms होते हैं।इन्हें 1977 में lrving langmuir award से सम्मानित किया गया 6 जून 1987 में इनका इंतकाल हो गया।

7 — डाक्टर इ ए सिद्दीक : डाक्टर इब्राहिम अली अबु बकर सिद्दीक एक कृषि वैज्ञानिक हैं जो चावल के छेत्र में अपने रिसर्च के लिए देश विदेश में मशहूर हैं।

इन का जन्म 1937 को तमिलनाडु के जिला शिवगंगा में हुआ ।इन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी से अपनी शिक्षा पूरी की। 1968 में पीएचडी पूरी करने के बाद यह Indian agriculture research institute ( IARI ) से जुड़ गए इन्होंने बासमती चावल की कई नई किस्मों का अविष्कार किया ,जिनमें पूषा बासमती 1 , पूषा 2-21 , पूषा 33 और पूषा 834 ज्यादा मशहूर हैं।

डाक्टर सिद्दीक ने वर्ल्ड बैंक में काम करते हुए एक कृषि वैज्ञानिक के रूप में मिस्र वियतनाम बंगलादेश और फिलिपिंस मे कई प्रोजेक्ट्स को पूरा किया।
2004-2009 में यह भारतीय सरकार के कृषि सलाहकार रहे 2011 में इन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया ।इसके अतिरिक्त कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किए जा चुके हैं।अभी भी वह फिलिपींस सरकार के सलाहकार हैं।

….जारी

सग़ीर ए खाकसार

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