यात्रा संस्मरण;काठमाण्डू का बूढ़ा नीलकंठ श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र

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सग़ीर ए खाकसार


कहने को तो वो टैक्सी ड्राइवर थे।लेकिन छोटी सी मुलाक़ात और बात चीत में भाई संजीव से व्यवहार दोस्ताना हो गया था।भाई संजीव काठमाण्डू दर्शन के दौरान हमें ले गए बूढा नील कंठ का दर्शन कराने।यहां घूमने से पहले चाय नाश्ता किया।मंदिर की गली में पूजा सामग्री की ढेर सारी दुकाने थीं।जिसमें अधिकांश महिलाये और युवतियां ही थीं।बूढा नील कंठ लगभग मुख्य शहर काठमाण्डू से 10 किमी के दूरी पर होगा।


इस मंदिर के प्रमुख आकर्षण का केंद्र भगवान विष्णु की विशाल काय प्रतिमा है।मंदिर परिसर में कबूतरों का बड़ा आशियाना भी है।कुछ बच्चे और महिलाएं उन्हें चुगने के लिए दाना भी दे रहे हैं।मैंने भी कबूतरों को दाने डाले चुगने के लिए।इसी मंदिर में जल का विशाल कुंड भी है।इसी जल कुंड में भगवान विष्णु की शेष शैया पर लेटे हुए एक विशाल चतुर्भुजी प्रतिमा है जो श्रदालुओं और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।वहां मौजूद लोगों ने बताया कि प्रतिमा की लंबाई करीब 05 मीटर और जल कुंड की लंबाई करीब 13 मीटर है।काठमाण्डू जब आप कभी आएं तो बूढा नीलकंठ को अपनी पसंदीदा सूची में शामिल करना बिल्कुल न भूलें।

(जून,2018 की मेरी काठमाण्डू यात्रा पर आधारित है यह यात्रा संस्मरण)

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