नेपाल के सबसे पुराने व बड़े इस्लामिक संस्थान सिराजुल उलूम के शुरुआत की अनोखी दास्तान
एक इंसान के लिए बेटे और दौलत सबसे बड़ी अहमियत रखते हैं और हाजी नेमतुल्लाह साहब ने दोनों की कुर्बानी दी थी बेटे को भी वक्फ किया था और दौलत यानी एक पूरे गाँव को भी, हाजी साहब बड़े मुखलिस और अल्लाह वाले थे उन की सबसे बड़ी खूबी सच बोलना थी जो भी मामला […]