कनाडा:‘ई- विश्व हिन्दी साहित्य सम्मेलन’ अद्भुत‫ ‬भाव तरंग‫, ‬ साहित्यिक सौजन्य व  संवेदन के साथ सम्पन्न हुआ

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‘हिन्दी दिवस, ई‫-‬ विश्व हिन्दी साहित्य सम्मेलन’ 10 जनवरी 2021

सग़ीर ए खाकसार
 
‘हिन्दी दिवस’ पर‫ ‬अखिल विश्व हिन्दी समिति, टोरोंटो, कनाडा, सहयोगी संस्थाओं व भारतीय कोंसलावास, टोरोंटो के साहचर्य में 10 जनवरी 2021 रविवार को‫ ‬प्रातः 9:30 से सायं ‫2‬ बजे (भारतीय समय सायं ‪ 8:00– 12: 30)‬ ‫ ‬तक‫ ‬आयोजित‫ ‬भव्य ‘ई- विश्व हिन्दी साहित्य सम्मेलन’ अद्भुत‫ ‬भाव तरंग‫, ‬ साहित्यिक सौजन्य व  संवेदन के साथ सम्पन्न हुआ ।भारतीय कोंसलाधीश‫ ‬सम्माननीया अपूर्वा श्रीवास्तव, टोरोंटो, कनाडा, समारोह की मुख्य अतिथि थीं।

सुप्रसिद्ध साहित्यकार व अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी समिति, भारत‫ ‬के‫ ‬अंतर्राष्ट्रीय‫ ‬अध्यक्ष डॉ. दाऊजी गुप्ता ने कार्यक्रम की अध्यक्षता‫ ‬की।

हिंदी एवं संस्कृति शोध संस्थान, महासचिव डॉ. श्रीभगवान शर्मा,डॉ. वेद प्रकाश गौड़ (पूर्व निदेशक, राजभाषा विभाग, संस्कृति मंत्रालय), हिंदी साहित्य भारती के डॉ. रवींद्र मिश्र (केन्द्रीय अध्यक्ष), डॉ अनिल शर्मा, रुड़की (केन्द्रीय महा मंत्री) व डॉ बुद्धि नाथ मिश्र- देहरादून, डॉ चन्द्रमणि ब्रह्मदत्त- अध्यक्ष, इंद्रप्रस्थ लिट फ़ेस्टिवल, डॉ वीरेन्द्र कुमार, अध्यक्ष, हिंदी मंच, ओटवा, डॉ प्रवीण गुप्ता- महासचिव- अंतरराष्ट्रीय हिंदी समिति व डॉ हरिसिंह पाल, महासचिव, नागरी लिपि परिषद,कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

इसके अलावा शंकरलाल पुरोहित- हैदराबाद, डॉ. नरेश मिश्र- हिंसाभा- रोहतक,
डॉ. विकास दवे- हिंसाभा- भोपाल, डॉ प्रियंका कौशिक- हिंसाभा- अजमेर, डॉ. विशाखा ठकर-वाशिंगटन डी सी अमरीका, श्रीमती विनीता तिवारी वाशिंगटन डी सी, श्रीमती आशा पंडित- वाशिंगटन डी सी और डॉ पूनम निगम सहाय- राँची, डॉ अनिल शर्मा आगरा, डॉ उषारानी बंसल- सैनफ्रास्स्को, साधना तिवारी- शिकागो, श्री विनय गुप्ता- अध्यक्ष, एशिया खबर, श्री सचिन गुप्ता- पब्लिक न्यूज़, इत्यादि विशिष्ट अतिथि के रूप में मैजूद रहे।

इस सम्मेलन का आयोजन व संचालन ‘अखिल विश्व हिन्दी समिति, आध्यात्मिक प्रबंध पीठ व  मधु प्रकाशन, टोरोंटो’ के अध्यक्ष, ‘हिन्दी साहित्य सभा के महासचिव’ एवं ‘अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी समिति, भारत‫ ‬के‫ ‬कनाडाई अध्यक्ष’ ‫ ‬ गोपाल बघेल ‘मधु’ ने किया।

श्री‫ ‬गोपाल बघेल ‘मधु’ ‫ ‬ने‫ ‬ सभी अतिथियों, साहित्यकारों और सभी उपस्थित व्यक्तियों का स्वागत किया व विधिवत परिचय कराया। 45 से अधिक साहित्यकार‫ ‬ कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। उपस्थित साहित्यकारों में भारत, अमरीका, कनाडा, इत्यादि देशों से सहभागिता हुई।

कार्यक्रम का आरम्भ डॉ श्रीभगवान शर्मा ने विश्व हिंदी दिवस की महत्ता व परिचय बताते हुए किया। फिर श्री‫ ‬गोपाल बघेल ‘मधु’ ने ‘संग्छध्वं सम्बदध्वं..’ मंत्र व ‘ॐ मधु वाता ऋतायते.. के उद्घोष से विधिवत प्रारम्भ किया।

सम्मेलन में मुख्य अतिथि सम्माननीया भारतीय कोंसलाधीश अपूर्वा श्रीवास्तव के सम्मेलन में पधारने पर अध्यक्ष डॉ. दाऊजी गुप्ता व आयोजक व संचालक‫ ‬ ‬गोपाल बघेल ‘मधु’ ‫ ‬ने उनका परिचय कराया व अपनी रचना ‘जलती बुझती इस जीवन की अग्यारी में जो हवि देता’ व कुछ शब्दों द्वारा उनको उद्बोधन के लिए आमंत्रित किया। कोंसलाधीश जी ने बड़ी आत्मीयता व स्नेह से सम्मेलन को संबोधित किया व हिंदी, संस्कृत व भारतीय भाषाओं के उन्नयन के लिए अपनी प्रतिबद्धता व सहयोग के लिए सबको आश्वस्त किया।

इसके बाद सभी साहित्यकारों, कवि व कवयत्रियों ने एक-एक कर ‘हिन्दी दिवस’ व हिन्दी पर अपने उद्गार व्यक्त किए व सम्मेलन को संबोधित किया और अपनी ओजस्वी, सार गर्भित, चेतना संस्फुरित, मधुर कण्ठों से गायी रचनाएँ व आत्म संप्रेषण से तरंगित प्रस्तुतियाँ दे सबको आनन्दित किया।

कनाडा के प्रमुख साहित्यकार अनिल पुरोहित- अध्यक्ष, हिंदी साहित्य सभा, डॉ. प्रीति धमाने- निदेशक, अखिल विश्व हिंदी समिति, प्रो. सरन घई- अध्यक्ष, विश्व हिंदी संस्थान, भगवत शरण श्रीवास्तव , ‬गोपाल बघेल ‘मधु’, श्रीमती श्यामा सिंह, विजय सूरी, धर्म जैन, डॉ साधना जोशी, आचार्य संदीप त्यागी,‫ ‬ राज माहेश्वरी, श्रीमती राज कश्यप , चन्द्र कुमार सिंह, वैभव वैद्य, श्रीमती ऋचा बघेल,इत्यादि ने भी सम्मेलन में भाग लिया।
             
मुख्य अतिथि ने  हिन्दी दिवस पर अपने उद्गार व्यक्त किेए, साहित्य के प्रचार प्रसार व प्रयोग पर बल दिया और‫ ‬साहित्य के बहुमुखी विकास के लिए अपनी सहभागिता जताई। उन्होंने आयोजक‫ ‬ गोपाल बघेल‫ ‬‘मधु’‫ ‬व अन्य सभी साहित्यकारों को‫ ‬कार्यक्रम‫ ‬आयोजित करने के लिए साधुवाद दिया और उनके अनवरत प्रयासों को सराहा व भारतीय कोंसलावास की और से हिन्दी के विकास व उन्नयन के लिये हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया ।

कार्यक्रम के अन्तिम चरण में अध्यक्ष डॉ. दाऊजी गुप्ता ने अपना अनुपम, गवेष्णात्मक, संचेतना व आनन्द संस्फुरित वक्तव्य दे सम्मेलन को साहित्यिक व आध्यात्मिक तरंगों में बहा झँकृत व तरंगित कर दिया। बाद में सभी उपस्थित साहित्यकार पुन: अपने अपने विचार व अनुभूतियाँ साँझा किए और कार्यक्रम का समापन हुआ।

मुख्य अतिथि, अध्यक्ष व विशेष अतिथियों ने साहित्यकारों को हिन्दी साहित्य की सेवा करने के लिये सराहा‫,‬ प्रोत्साहित किया‫ ‬और सहयोग‫ ‬के‫ ‬लिए आश्वस्त किया।‫ ‬पूर्ण मनोयोग से‫ ‬वयोवृद्ध साहित्यकार डॉ. दाऊजी गुप्ता , डॉ. श्रीभगवान शर्मा, डॉ. वेद प्रकाश गौड़, डॉ. चंद्रमणि ब्रह्मदत्त, डॉ अनिल शर्मा रुड़की, इत्यादि की अन्त तक महिमामय सहभागिता रही और उनके विचार व वक्तव्य विशेष रूप से प्रेरणास्पद रहे व हृदयों को आल्ह्वादित किए ।

उन्होंने व अन्य प्रमुख अतिथियों ने आयोजन की गरिमापूर्ण प्रस्तुति के लिये आयोजक व संचालक गोपाल बघेल ‘मधु’ को धन्यवाद दिया व उनकी आध्यात्मिक व हिन्दी साहित्य की सेवाओं की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।

कार्यक्रम में अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी समिति – भारत,  कनाडा की हिन्दी साहित्य सभा, आध्यात्मिक प्रबंध पीठ, फ़्रीडम योगा, विश्व हिन्दी संस्थान, हिंदी साहित्य भारती, इत्यादि संस्थाओं का भरपूर सहयोग मिला।
भारतीय कौंसलावास टोरोंटो के सभी संबंधित पदाधिकारियों का योगदान रहा।

सभी साहित्यकारों, श्रोता गणों एवं अतिथियों के हृदय से किये परोक्ष-अपरोक्ष सहयोग के लिये संस्था की ओर से हार्दिक आभार व साधुवाद दिया गया। अन्त में साहित्य की सेवा के लिये सभी साहित्यकारों, कवियों, कवयित्रियों, लेखकों, श्रोताओं व सहयोगियों को आयोजकों की ओर से साधुवाद दिया गया।


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