एडमिशन,कॅरियर व काउंसिलिंग पर आधारित तालीमी बेदारी के पांचवें वर्चुअल सेमिनार में एमयू में प्रवेश प्रक्रिया पर हुई चर्चा

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देश में शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था तालीमी बेदारी इंडिया दुआरा छात्र छात्राओं के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के उद्देश्य से  शुरू किए गए   एडमिशन व कॅरियर सम्बन्धी सेमिनार के प्रति लोग बहुत तेज़ी से आकर्षित हो रहे हैं।यह सीरीज़ छात्र छात्राओं के कॅरिअर को बेहतर बनाने में काफी मुफीद साबित हो रही है।

सग़ीर ए खाकसार

लखनऊ 04 जुलाई।इण्डो नेपाल पोस्ट

तालीमी बेदारी के एडमिशन,कॅरियर व काउंसिलिंग पर आधारित  पाँचवें वर्चुअल शैक्षणिक सेमिनार का आयोजन पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत 03 जुलाई ,शनिवार को रात्रि 8 बजे से किया गया।”अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया” विषय पर आधारित उक्त सेमिनार में देश भर से बड़ी तादाद में छात्र और छात्राओं ने भाग लिया।छात्रों ने अनेकों सवाल किये जिसका मुख्य वक्ताओं ने सन्तोष जनक जवाब दिया।

सेमीनार में मुख्यवक्ता के रूप में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एम0एम0 सुफ़यान बेग और प्रोफेसर इज़हारुल हक फारूकी ने हिस्सा लिया।छात्र और छात्राएं काफी उत्साहित दिखे और सेमिनार बहुत ही ज्ञानवर्धक रहा।मुख्यवक्ता प्रो बेग ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास और वहां के पसमंजर से रूबरू कराया।प्रो बेग ने कहा कि विश्वविद्यालय पूरी तरह सेकुलर है और बड़ी तादाद में गैर मुस्लिम भी शिक्षार्जन कर रहे हैं।विश्वविद्यालय ने   खान अब्दुल गफ्फार खान सीमांत गांधी,और ज़ाकिर हुसैन जैसे दो भारत रत्न दिए हैं इसके अलावा 8 पद्मभूषण,और 27 पदम् श्री अवार्डी दिए हैं।इसके अलावा यहां से पढ़े कई दिग्गज प्रधामंत्री व राष्ट्रपति भी बने ।पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान,बंगलादेश के पूर्व प्रधानमंत्री मो मंसूर अली,पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति फ़ज़ल इलाही चौधरी,मालदीव के पहले राष्ट्रपति मो आमीन दीदी,पर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी,इतिहासकार इरफान हबीब,फ़िल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह,दलीप ताहिल,जावेद अख्तर जैसे दिग्गजों ने अलीगढ से शिक्षा पाई है।प्रो बेग ने कहा इस तरह एमयू नेशनल बिल्डिंग के साथ साथ इंटरनेशनल लेबल पर भी बड़ी भूमिका का निर्वाह कर रहा है।
प्रो बेग ने कहा कि यहां का इतिहास और संस्कृति बहुत ही समृद्धि है।पूरी दुनिया मे अलीग मिल जाएंगे जो उच्च पदों पर आसीन हैं।

एमयू कक्षा एक  से विश्वविद्यालय स्तर तक शिक्षा उपलब्ध कराता है।फीस भी कम है जिससे गरीब भी उच्च हसिल कर सकते हैं।बीस हज़ार से ज़्यादा हॉस्टलर्स हैं देश विदेश के।बच्चियों के लिए बहुत ही सुरक्षित माहौल है। भारत का ये अकेला विश्विद्यालय है जहां हॉर्स राइडिंग  का अपना कोर्ट है। हर यूनिवर्सिटी में तालीम इंटर  के बाद दी जाती हैं लेकिन एमयू  में कक्षा एक  से ही शिक्षा शुरू हो जाती है। यहां तमाम कोर्स है जो हर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में होते हैं। यहां की फ़ीस बेहद कम है, इंजीनियरिंग और मेडिकल की फीस भी बहुत कम है, इसके अलावा मेधावी और गरीब बच्चों को छात्रवृत्ति भी दी जाती है। यहां हॉस्टल की भी सुविधा, हॉस्टल का रेंट फीस में ही जुड़ा होता है सिर्फ खाने के पैसे देने होते हैं।


एमयू में में कक्षा 1, 6th एवं 9th में एडमिशन होते हैं।
प्रो इज़हारुल हक फारूकी ने कहा कि  सभी यूनिवर्सिटी की तरह यहां भी इंटर के बाद एडमिशन होते हैं। यहाँ इंजीनियरिंग और मेडिकल के प्रवेश परीक्षा खुद यूनिवर्सिटी कराती है। उसी के मेरिट के आधार पर एडमिशन होते हैं। शानिवार के सेमिनार में छात्र और छात्राएं काफी उत्साहित दिखे । दाखिले ,कॅरियर से सम्बन्धी सवालों का मेहमानों ने जवाब दिया।

अध्यक्षता तालीमी बेदारी के सरपरस्त अख़तर हुसैन दुबई ने किया ।विशिष्ट अतिथि के रूप में एमयू ओल्ड बॉयज एसोसिएशन के महासचिव अतीकुर्रहमान  उपाध्यक्ष इंजीनियर आदिल अख्तर,जामिया हमदर्द के प्रो खुर्शीद अहमद अंसारी उपस्थित रहे।संचालन शमीम अख़तर ने किया।तालीमी बेदारी के पदाधिकारी,अभिभावक, प्रबुद्धजन आदि सेमिनार में मौजूद रहे।

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