ज़रा याद करो कुर्बानी;-छात्र जीवन में ही आजादी के आंदोलन में कूदे थे अवधेश कुमार सिंह

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निडर व निर्भीक होने के कारण लोग कहते थे किंग साहब

बलरामपुर,14 अगस्त।इण्डो नेपाल पोस्ट

बलरामपुर जिले के नई बाजार तुलसीपुर में सपरिवार जीवन बिताने वाले अवधेश कुमार सिंह उर्फ किंग साहब छात्र जीवन से ही आजादी की लड़ाई में कूद पड़े थे। जेल से रिहा होने के बाद सेंट्रल जेल में डिप्टी जेलर के रूप में नियुक्ति हुई थी लेकिन इन्होंने जेलर बनने से इंकार कर दिया। निडर व निर्भीक होने के कारण लोग इन्हें किंग साहब भी कहते थे।

15 जून 1926 में पैदा हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अवधेश कुमार सिंह बड़े ही होनहार थे। इनके पिता जगधारी सिंह मूलरूप से ग्राम नरकटहा जनपद बस्ती के निवासी थे। इनकी शिक्षा-दीक्षा कानपुर तथा इटावा में हुई। इनके पिता खानपुर स्टेट कानपुर में मैनेजर थे और स्थाई रूप से वहीं रहने लगे थे। हाईस्कूल की पढ़ाई के दौरान ही अवधेश कुमार सिंह को आजादी का चस्का लगा। शीघ्र ही एक कर्मठ राष्ट्रीय छात्र नेता के रूप में चर्चित हो गए। औरैय्या में आजादी को लेकर हुए कांड में इनकी राष्ट्रवादी गतिविधियों को लेकर इनके खिलाफ ब्रिटिश सरकार ने वारंट जारी कर दिया। वहां से फरार होकर वह प्रतापगढ़ कालाकांकर स्टेट राजा दिनेश प्रताप सिंह के यहां पहुंचे। पकड़े जाने के भय से वहां से भी निकल गए। अंत में बिहार पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर हजारी बाग सेंट्रल जेल भेज दिया।

आजादी के बाद 1947 में भारत छोड़ो आंदोलन के बंदी सेनानी छोड़ ‌दिए गए किंतु बिहार सरकार ने इन्हें नहीं रिहा किया। इटावा जिला कांग्रेस कमेटी ने इनकी रिहाई के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा। समाचार पत्रों में इनकी रिहाई के लिए अग्रलेख छपे। पांच वर्ष की सजा के बाद अंततः वे जेल से रिहा हुए। रिहाई के बाद इनकी हजारी बाग सेंट्रल जेल में डिप्टी जेलर के पद पर नियुक्ति हुई। उन्होंने जेलर बनने से इंकार कर दिया। उसके बाद वायु सेना में उन्होंने सेकेंड क्लास एयर क्राफ्ट मैन के पद पर 496 दिन नौकरी की। सेना से वापस आकर उन्होंने यूपी रोडवेज में स्टेशन इंचार्ज का पद संभाला और वहीं से सेवानिवृत्त हुए।

उनका परिवार नई बाजार तुलसीपुर बलरामपुर में रहने लगा। उनकी पत्नी इंद्रा सिंह परिषदीय विद्यालय में प्रधानाध्यापक थी। 1990 में इनकी मृत्यु हो गई। इनकी पुत्री डॉ. कल्पना सिंह भी जूनियर हाईस्कूल में प्रधानाध्यापक है।

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