एम एस खान
शोहरतगढ़ 23 जनवरी। इण्डो नेपाल पोस्ट
शनिवार को परिगवा के सोम सरोवर के पास 16 दिवसीय सोमयज्ञ का शुभारंभ हुआ। यज्ञ स्थल से महिलाएं व भक्तगण चलकर बानगंगा नदी बैराज पर इकट्ठा हुए। वहाँ से गाजे-बाजे,हाथी, घोड़ा, राधा कृष्ण आदि की झांकी के साथ 551 महिलाओं, किशोरियों व भक्तगणों का विशाल काफ़िला कलश यात्रा शामिल होकर शोहरतगढ़ नगर के मुख्य मार्ग से होते हुए परिगवा गांव के यज्ञ स्थल पर पहुंचा। कलशयात्रा में महिलाएं, किशोरियों व युवाओं के भक्तिगीत एवं जयजयकारे से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
कलश यात्रा गाजे बाजे के साथ यज्ञ स्थल सोम सरोवर से होते हुए नकथर, कोरीडीहा, मड़वा, महथा होते हुए बानगंगा बैराज पर पहुंची। यज्ञाचार्य पण्डित संजय कुमार पांडेय ने सभी कलश का विधिविधान से पूजन कराया। कलश में जल भर कर पुनः बानगंगा चौराहे से तहसील मुख्यालय, शोहरतगढ़ कस्बा, श्रीरामजानकी मंदिर, गड़ाकुल छतहरी, नकथर होते हुए यज्ञ स्थल पहुंची।
मंत्रोच्चार के साथ सभी कलश स्थापित कराए गए। आयोजक वैदिक समाज धर्म सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद पांडेय ने कहा कि सोमयज्ञ से प्रकृति का संतुलन बना रहता है। यज्ञ के हवन से वातावरण शुद्ध होता है। नित्य दिन में दो बजे से शाम पांच बजे तक कथा का आयोजन होगा। शाम सात बजे से रात 11 बजे तक श्रीकृष्ण रासलीला का आयोजन किया जाएगा।
मंगल कलश यात्रा के भारी भीड़ संचालन में पुलिस के जवानों की टीम लगातार लोगों को मास्क पहनने और दूरी बनाए रखने के लिए आग्रह करते रहे। इस दौरान प्रयागराज से अंकित मिश्रा, महाराष्ट्र के श्री मूले जी शास्त्री, अयोध्या के श्री राम द्विवेदी , श्री अंबिका दत्त शुक्ल जी, आकाश संदीप निखिल शुक्ला अंकित मिश्रा युवराज मिश्र चंदन पांडेय, आदित्य सिंह, अम्बिका दत्त मिश्र, शेखर त्रिपाठी, राम प्रकाश दास, सूर्यकांता चार्य, धीरज शुक्ल, इंद्रेश दत्त शुक्ल, एडवोकेट प्रसून शुक्ल, राम कृष्ण पांडेय, धर्मेंद्र दत्त शुक्ल, शिवशक्ति शर्मा, सूर्य प्रकाश पांडेय, पिंकी त्रिपाठी, सरिता अग्रवाल, सरोज, जनक नंदिनी, माया देवी , माधुरी, अपर्णा , सुष्मिता, आरती, सुनील श्रीवास्तव,शान्ति नरायण त्रिपाठी पप्पू बाबा आदि शामिल रहे।
महाभारत कालीन इतिहास की गाथा संजोए है परिगवा गांव
पूर्वजों के कहानी के मुताबिक तहसील क्षेत्र शोहरतगढ़ के दक्षिण पश्चिम दिशा में नकथर – अंतरी बाजार मार्ग के कुछ दूरी पर स्थित परिगवा गांव का इतिहास पूर्वजों, बुजुर्गों के मुताबिक महाभारत कालीन गाथा से जुड़ा हुआ है। लोगों का कहना है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव ने अपने कुछ समय को राजा विराट के सानिध्य में महल में रहकर व्यतीत किए थे। लोगों का कहना है कि कुछ दिन पूर्व वाराणसी पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम ने गांव के पास स्थित एक टीले और क्षेत्र के कुछ स्थानों की खुदाई में प्राचीन कालीन मूर्तियों को भी हासिल किया था।
कुछ प्राचीन कालीन मूर्तियां आज भी गांव में भवानी शंकर शुक्ल के घर के समीप ब्रह्मा बाबा के स्थान पर विराजमान,स्थापित हैं। इन सब परिस्थितियों को देखते हुए गांव का ऐतिहासिक महत्व है और इस गांव में महाभारत काल से जुड़े सोमयज्ञ के भव्य आयोजन होने से क्षेत्रवासी काफी प्रफुल्लित हैं।