Barhni border:- आईसीपी, एनिमल क्वारेन्टाइन व भारत-नेपाल मैत्री भवन निर्माण को लेकर सौंपा ज्ञापन

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  • सपा शिक्षक सभा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मणेन्द्र मिश्रा ‘मशाल’ ने विदेश मंत्रालय के अस्थाई समिति के सदस्य सनातन पाण्डेय से की मुलाकात।

सरताज आलम


बढ़नी/सिद्वार्थनगर,18 अक्टूबर,2024।इंडो नेपाल पोस्ट

समाजवादी पार्टी शिक्षक सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मणेन्द्र मिश्रा ‘मशाल’ ने अन्तर्राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों को लेकर भारत सरकार विदेश मंत्रालय के अस्थाई समिति के सदस्य व बलिया सांसद सनातन पाण्डेय को एक ज्ञापन सौंपा।

उन्होंने इनके समाधान के लिए सांसद सनातन पाण्डेय से विशेष प्रयास करने का आग्रह किया है। समाजवादी शिक्षक सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मणेन्द्र मिश्रा ‘मशाल’ ने कहा कि बलिया समाजवादी पार्टी सांसद सनातन पाण्डेय को हाल ही में गठित भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की अस्थाई समिति का सदस्य मनोनीत किया गया है।

उन्होंने कहा कि बढ़नी कस्बा भारत-नेपाल रिश्तों की दृष्टि से एक अति महत्वपूर्ण केन्द्र है, लेकिन लगातार उपेक्षा एवं उदासीनता के कारण बढ़नी की महत्ता उभरकर सामने नहीं आ पा रही है।

वहीं मणेन्द्र मिश्रा ‘मशाल’ ने लखनऊ में सांसद सनातन पाण्डेय से भेंटकर विस्तृत चर्चा करते हुए एक ज्ञापन पत्र सौंपा। जिसमें उन्होंने लिखा है कि विभिन्न देशों के पर्यटकों की आवाजाही आसान बनाने के लिए सोनौली की भांति बढ़नी बार्डर पर इमिग्रेशन चेक पोस्ट (आईसीपी) की स्थापना किया जाना चाहिए।

इसके साथ ही बार्डर पर वाणिज्यिक गतिविधियों एवं व्यापारियों के लिए आसानी हेतु बढ़नी में बकरा, मुर्गा, भेड़ जैसे जानवरों के नेपाल निर्यात के लिए एनिमल क्वारेन्टाइन प्रमाणन सेवा केन्द्र स्थापित किया जाना बेहद जरूरी है।

उन्होंने कहा कि इस त्यौहारी सीजन में बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर के लोगों बकरी आदि को नेपाल निर्यात करने के लिए विषाक्त मुक्त सर्टिफिकेट बनवाने के लिए दिल्ली जाना पड़ता है। एनिमल क्वारेन्टाइन प्रमाणन सेवा केन्द्र न होने से सीमा क्षेत्र में पशुओं की तस्करी होती है, इससे राजस्व की भारी हानि होती है।

इसके अलावा उन्होंने हिन्दुओं की आस्था का प्रमुख केन्द्र नेपाल के स्वर्गद्वारी बाबा प्रभुनाथ मन्दिर दर्शन हेतु प्रति वर्ष लाखों की संख्या में जाने वाले भारतीय दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए भारत-नेपाल की सामाजिक/सांस्कृतिक/साहित्यिक कार्यक्रमों के लिए भारत-नेपाल मैत्री भवन जैसी किसी योजना या संरचना निर्माण की मांग की है।

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