हाफ़िज़-ए-क़ुरआन की जलसे में हुयी दस्तार-ए-बन्दी, बोले उलेमा तालीम सभी के लिए बेहद है जरूरी

उत्तर प्रदेश ताज़ा खबर पूर्वांचल बॉर्डर स्पेशल भारत शिक्षा समाज

निसार चौधरी

शोहरतगढ़,15 मार्च। इण्डो नेपाल पोस्ट

नगर पंचायत शोहरतगढ़ के मदरसा अहले सुन्नत दारुलउलूम नुरुल लतीफ़ जामा मस्जिद के सौ साल पूरा होने के उपलक्ष्य में जश्न-ए-दस्तारबंदी व जश्न-ए-सद साला के तहत एक दिवसीय जलसे का आयोजन हुआ।

जिसमें मदरसे में पढ़ने वाले हाफिज का कोर्स पूरा कर चुके छ: छात्रों हाफिज मोहम्मद सलीम, हाफिज मोहम्मद शहजाद, हाफिज मोहम्मद इमरान, हाफिज मोहम्मद मुस्ताक, हाफिज मोहम्मद तसलीम, हाफिज मोहम्मद याकूब की शेख-ए-तरीकत मोहम्मद हबीबुर्रहमान ने दस्तार बन्दी कर कार्यक्रम की शुरुआत किया। लोगों ने उन्हें मुबारकबाद दिया। तालिब इल्म के सिर पर दस्तार बांध कर उन्हें प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।

हज़रत मौलाना सैय्यद सुहेल अशरफ ने कहा कि मुसलमान को कुरआन व सुन्नत के मुताबिक जीवनयापन करना चाहिए। मदरसों से जिन बच्चे ने कुरान सीखा वह बहुत बड़ी दौलत पा गया है। इल्म की दौलत एक बड़ी दौलत है। जिसे हर किसी को हासिल करना चाहिए। इल्म इंसानों को सही तरीके से जिंदगी जीने का रास्ता सिखाता है।

शायर गुलाम साबिर इलाहाबादी के शेर नबी जी हमारे बड़ी शान वाले को खूब सराहा गया। खुर्शीद अहमद निजामी, नूरुल हसन अत्तारी के कलाम पर खूब तालियां बजीं।

जामा मस्जिद के अध्यक्ष अल्ताफ़ हुसैन, नाज़िम नवाब खान ने कहा कि मदरसा व मस्जिद के सौ साल पूरा हो चुका है। शताब्दी पूरा होने पर लोगों में खुशी है। मदरसा दीनी व दुनियावी तालीम के लिए काफी मशहूर है। इस दौरान कारी अकबर अली, कारी रजीउललाह,मौलाना आजाद, हाफिज एजाज अहमद, अब्दुलला आरिफ, वकार मोइज खान, अरमान अंसारी, मौलाना जाकिर मिस्बाही ,फखरे आलम, सैयद सोहेल अहमद, नूर अल हसन, अताउल रसूल,
अजीज अहमद, अनवर अली राइनी, अब्दूल कलाम आदि लोग मौजूद रहे।

Loading