…….तुझे याद हो कि न याद हो !24 फरवरी तलत महमूद की जयंती पर विशेष!

पिछली सदी के तीसरे दशक में मात्र सोलह साल की उम्र में ग़ज़ल गायक के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले तलत को फिल्मों में पहचान मिली अनिल बिस्वास के संगीत निर्देशन में फिल्म ‘आरजू’ में दिलीप कुमार के लिए गाए गीत ‘ऐ दिल मुझे ऐसी जगह ले चल’ से। ध्रुव गुप्त दिल में उतर […]

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देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी भगवान:कवि प्रदीप की जयंती पर विशेष

स्व. प्रदीप की जयंती (6 फरवरी) पर उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि ! सिनेमा में उनकी पहचान बनी 1943 की फिल्म ‘किसमत’ के गीत ‘दूर हटो ऐ दुनिया वालों हिंदुस्तान हमारा है’ से। इस गीत के लिए तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया था जिसकी वज़ह से प्रदीप को अरसे तक भूमिगत रहना पड़ा […]

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येशु दास:ऐसे गायक जिनके सुर गले से नहीं,रूह से उठते हैं!

पश्चिमी संगीत के शोर में अरसे से हिंदी सिनेमा के परिदृश्य से ओझल येशुदास के जन्मदिन (10 जनवरी) पर उनके सुरीले जीवन की शुभकामनाएं ! इतना सब कुछ हासिल करने के बावज़ूद उनकी एक तमन्ना रह गई कि वो केरल के मशहूर गुरुवायुर मन्दिर में बैठकर कृष्ण की स्तुति गाएं। मन्दिर के नियमों के अनुसार […]

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……क़िस्मत से तुम हमको मिले हो !6जनवरी ए आर रहमान के जन्मदिन पर विशेष !

फिल्मकार मणि रत्नम की फिल्मों – रोजा, बॉम्बे, दिल से, गुरु आदि ने शुरुआत में उन्हें वह आकाश दिया जहां उन्होंने ऊंची-ऊंची उड़ाने भरी। अपने छोटे से कैरियर में चार राष्ट्रीय और पंद्रह फिल्मफेयर पुरस्कारों के अलावा दो ग्रैमी पुरस्कार, गोल्डन ग्लोब अवार्ड और ऑस्कर हासिल करने वाले रहमान पहले भारतीय हैं। ध्रुव गुप्त भारतीय […]

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सम्मानित किए गए युवा शायर एवं समाजसेवी मिन्नत गोरखपुरी

युवाओं को अगर अवसर मिले तो वह समाज में अपना अहम मुकाम बना लेते हैं मिन्नत की तरह – राकेश श्रीवास्तव हाशिम रिजवी सिद्धार्थनगर /गोरखपुर,27 दिसम्बर।इण्डो नेपाल पोस्ट गोरखपुर शहर के युवा समाजसेवी, शायर ,साहित्यकार एवं लेखक मिन्नत गोरखपुरी को भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया भाई के द्वारा क्षण सम्मानित संस्कृतिक संध्या के अवसर पर सामाजिक […]

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खिराजे ए अकीदत मिर्ज़ा ग़ालिब:कहते हैं कि ग़ालिब का है अंदाज़ ए बयाँ और!

भारतीय साहित्य के हज़ारों साल के इतिहास में कुछ ही लोग हैं जो अपने विद्रोही स्वर, अनुभूतियों की अतल गहराईयों और सोच की असीम ऊंचाईयों के साथ भीड़ से अलग दिखते हैं। मिर्ज़ा ग़ालिब उनमें से एक हैं। हैं और भी दुनिया में सुखन-वर बहुत अच्छे कहते हैं कि ग़ालिब का है अंदाज़ ए बयाँ […]

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….मुझको मेरे बाद ज़माना ढूंढेगा!24 दिसम्बर मो.रफी की जयंती पर विशेष

रफ़ी की आवाज़ की ऊंचाई, गहराई, उमंग और दर्द के साथ हमारे देश की कई,-कई पीढियां किशोर, जवान और बूढ़ी हुईं हैं। इंसानी जज़्बों की उनकी जादुई, रूहानी अदायगी ने हमारी मुहब्बत को लफ्ज़ बख्शे, सपनों को पंख दिए, शरारतों को तेवर और व्यथा को बिस्तर अता की। याद न जाए बीते दिनों की ! […]

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“तुम से मिलकर न जाने क्यों “…जैसे ढेर सारे कालजयी गीत देने वाले गीतकार एस एच बिहारी की स्मृतियों को सलाम!

मगर हम हमेशा तुम्हारे रहेंगे ! ध्रुव गुप्त पुरानी फिल्म ‘शर्त’ का एक गीत ‘न ये चांद होगा न तारे रहेंगे’ अपनी मासूमियत की वज़ह से मेरे सबसे प्रिय गीतों में एक रहा है। कल एक बार फिर इसे सुनते हुए संगीतकार-गायक हेमंत दा के साथ गीतकार शमशुल हुदा बिहारी की याद आई। हिंदी सिनेमा […]

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तुम्हें याद हो,के न याद हो,जब अताउल्लाह खान के बेवफाई के गानों और हसन जहांगीर के “हवा हवा”ने मचाया था धूम

सग़ीर ए ख़ाकसार तुम्हे याद हो,के न याद हो,नब्बे का दशक रोमांटिक गानों का दौर था।पाकिस्तानी ग़ज़ल गायक अताउल्लाह खान के बेवफाई के गानों ने धूम मचा रखा था।युवा उस वक़्त के गानों में अपनी प्रेम कहानी ढूंढता फिरता था।उसे लगता था कि अताउल्लाह खान के गाने में उस का सारा “दर्द”छुपा है।नवोदित गायकों को […]

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फ़िल्म अभिनेता श्याम मिश्रा एकीकृत राष्ट्रीय राप्रपा के केंद्रीय सदस्य मनोनीत

-भोजपुरी और नेपाली भाषा मे कई एलबम हुए है लोक प्रिय –सामाजिक ,साहित्यिक क्षेत्र में रखते हैं विशिष्ट पहचान सगीर ए ख़ाकसार बढ़नी,सिद्धार्थ नगर,12 अक्टूबर।इंडो नेपाल पोस्ट नेपाली फ़िल्म अभिनेता श्याम कुमार मिश्रा को पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता, निष्ठा, समर्पण एवं सेवा भाव को दृष्टिगत रखते हुए एकीकृत राष्ट्रीय राप्रपा का केंद्रीय सदस्य मनोनीत किया […]

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