खिराज ए अकीदत:जाना एक ईमानदार आईपीएस अधिकारी मु0अफ़ज़ल अहमद का

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ईमानदार आईपीएस अधिकारी
मौहम्मद अफजल अहमद नही रहे..!!

मध्य प्रदेश के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी  मोहम्मद अफजल का लंबी बीमारी के बाद अलीगढ़ में निधन हो गया। वे 56 वर्ष के थे ,वो  अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
एटा के मारहरा स्थित विश्व विख्यात दरगाह शरीफ खानकाहे बरकातिया के सज्जादानशीन सैयद नजीब हैदर नूरी के बड़े भाई आईपीएस ऑफिसर सैयद मोहम्मद अफजल का मंगलवार रात इंतकाल हो गया ।
आपका जन्म  11 मार्च सन 1964 में मारहरा शरीफ स्थित उनकी पुश्तैनी हवेली पर हुआ था। आपने अलीगढ़ मुस्लिम से एलएलबी व एलएलएम की पढ़ाई की थी। सन 1990 में उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की और  उर्दू मीडियम से सिविल सर्विस में पास हुए। उनका चयन आईपीएस में हुआ।उनकी ईमानदारी ,निष्पक्षता और शानदार सेवाओं के लिए उन्हें  सन 2011 में राष्ट्रपति अवार्ड से नवाजा गया था।पढ़ने लिखने में बचपन से ही मेधावी रहे मोहमद अफ़ज़ल अहमद एक अच्छे वक्ता भी थे।समसामयिक मुद्दों,सामाजिक व सांस्कृतिक आदि मुद्दों पर उनका गहन अध्ययन था ।आप मुस्लिम यूनिवर्सिटी सर सैयद डिबेट में तीन मर्तबा खिताब किया था।
शिक्षा को लेकर बेहद फिक्रमंद थे ।खासतौर से मुस्लिम समाज मे शिक्षा के ज़रिए बदलाव के हिमायती थे।उनका मानना था कि शिक्षा के बग़ैर कोई समाज आर्थिक,सामाजिक,व राजनैतिक प्रगति नही कर सकता । आप यूनिवर्सिटी लिट्रेरी क्लब के भो  सेक्रेटरी रहे  साथ ही  अलीगढ़ स्थित अल बरकात सोसायटी के फाउंडर और एक्सक्यूटिव मेम्बर रहे।
आपके एक भाई आईआरएस अधिकारी दूसरे भाई  भाई प्रोफेसर है और अलीगढ़ स्थित अल बरकात कालेज  के एमडी  है।अल्बरकात कालेज जो दीनी व आधुनिक शिक्षा के एक प्रतिष्ठित केंद्र है उसकी स्थापना भी आपकी प्रेरणा से उनके परिवार ने की है।
1990 बैच के आईपीएस  अधिकारी मो0 अफजल मध्यप्रदेश में ग्वालियर के  एसपी सहित पुलिस महकमे के  कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे और अपनी सेवाओं के दौरान अमिट छाप छोड़ी।वो फिलवक्त  अपर पुलिस महानिदेशक ईओडब्ल्यू थे।
उनकी पहचान एक ईमानदार ,निस्पक्ष व न्यायप्रिय  ईमानदार अधिकारी की तो थी ही वो दोस्तों  में अलमस्त और खूब हंसाने वाले अफसर माने जाते थे ।दोस्तों के साथ जमकर मस्ती करते थे उनकी खुशमिजाजी के सभी कायल थे।पढ़ने लिखने के बहुत शौकीन थे।अदब में भी उनकी गहरी दिलचस्पी थी। गाना और शेरी नशिस्तों में शिरकत करना भी उनके शौक में शामिल था।विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय अलीगढ़ और जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली के रजिस्ट्रार के पद भी आसीन रहे।

उनका प्रेम ,स्नेह मुझे हमेशा मिलता था।वो मुझे अपने छोटे भाई की तरह मानते थे।हालात कैसे भी हों ,मुस्कराना ही उनकी फितरत थी।जब भी उनसे मुलाकात होती वो मुस्कारते ही रहते।वो मुश्किल हालात से निपटना जानते थे। उनके इंतकाल की खबर सुनकर मैं  सन्न रह गया ।मुझे उनका जाना व्यक्तिगत तौर पर अखर गया।अभी तो हम उन्हें गौर से सुन रहे थे ,महसूस कर रहे थे।उनका यूँ ही असमय जाना पूरी कौमो मिल्लत का बहुत बड़ा खसारा वो कौम व मिल्लत के बहुत बड़ा सरमाया थे।उनकी कमी हमेशा खलेगी।उनसे मेरी आखिरी  मुलाकत वेबिनार मीटिंग  मे हुई थी ।अब तो बस यादे ही बाकी  रह गई है ।उनके निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा,पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ,दिग्विजय सिंह और पुलिस महानिदेशक वीके जौहरी ने गहरा दुख प्रकट किया है।

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