नेपाल:लैंगिक हिंसा के विरुद्ध इस्लामिक उलेमाओं ने साझा किए अपने विचार

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  कृष्णा नगर ,21 दिसम्बर।इण्डो नेपाल पोस्ट


नेपाल मानवाधिकार के बैनर तले पूरे नेपाल में लैंगिक हिंसा के विरुद्ध एक जागरूकता अभियान चलाया जारहा है।इसी क्रम में नपा कृष्णनागर अंतगत एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें  इस्लामिक उलेमाओं ने लड़कियों की शिक्षा,सुरक्षा और उनके अधिकारों पर इस्लाम की रोशनी में प्रकाश डाला।


इस्लामिक स्कॉलरों ने कहा कि इस्लाम धर्म मे लिंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया गया है।यही नही लड़कियों को इस्लाम धर्म मे पैतृक संपत्ति में बहुत पहले से अधिकार दिया गया है।मुहम्मद(सल्ल) ने बेटे और बेटियों भेदभाव न करने का हुकुम दिया है।शिक्षा का लेकर भी किसी तरह की भेदभाव नहीं है।एक पढी लिखी लड़की रोशनी घर की होती है।इस्लाम मे लड़कियों की सुरक्षा को लेकर ही पर्दे की व्यवस्था की गई है।धार्मिक उलेमाओं ने कहा कि जब लड़कियां बयस्क हो जाएं तो उनका विवाह कर देना चहिये।उलेमाओं ने कुरान व हदीस के हवालों से इस्लाम मे बेटियों के महत्व के बारे में अपने विचार व्यक्त किये।


कार्यक्रम में राष्ट्रीय मदरसा संघ के अध्यक्ष डॉ अब्दुल गनी अलकूफ़ी,महासचिव मशहूद खान नेपाली,नेपाल के मशहूर व मारूफ शायर व ख़दीजा गर्ल्स कॉलेज के ज़ाहिद आज़ाद झंडानगरी,  मौलाना अब्दुल रशीद मदनी,
मौलाना मुहम्मद असलम मदनी,मौलाना मुहम्मद अकरम अलियावी,  मौलाना सऊद अख्तर अब्दुल मनन सलाफी,मौलाना जैश मक्की आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।इस मौके पर सरकारी गैरसरकारी संस्थाओं के अधिकारी व कर्मचारियों के अलावा प्रबुद्धजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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