स्वतंत्र भारत के कुछ मशहूर मुस्लिम वैज्ञानिक !( भाग 5 )

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इण्डो नेपाल पोस्ट की यह नई श्रृंखला  देश के प्रसिद्ध मुस्लिम वैज्ञानिकों और उनके योगदान पर केंद्रित है।विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में इन वैज्ञानिकों के योगदान  के बारे में बता रहे हैं ….खुर्शीद अहमद !जो फिलवक्त कतर में रहते हैं आप मूलतः यूपी के सिद्धार्थनगर जिले के बढनी के रहने वाले हैं।प्रस्तुत है इस श्रृंखला की पांचवीं क़िस्त….!

खुर्शीद अहमद


10 –डाक्टर एस एम नकवी : Geological Society of india हर दो वर्ष में किसी एक युवा वैज्ञानिक को एस एम नकवी गोल्ड मेडल से सम्मानित करती है।

क्या आप जानते हैं? कि यह एस एम नकवी कौन थे ? एस एम नकवी यानी सैयद महमूद नकवी एक पृथ्वी विज्ञानी थे। इनका जन्म 28 अगस्त 1941 को उत्तराखंड के शहर अल्मोड़ा में हुआ था, और 4 सितंबर 2009 को हैदराबाद में इनका इंतकाल हो गया।

इनकी शिक्षा अल्मोड़ा , अमरोहा और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हुई। 1964 में यह हैदराबाद चले गए जहां इन्होंने National Geophysical Research institute ( NIGRI ) में अपने कैरियर की शुरुआत की। यह एक geochemistry group में शामिल हुए और रीसर्च का काम शुरू किया।

चार दहाई तक चले अपने कैरियर में इन्होंने उल्लेखनीय काम किए ,जिसके कारण इन्हें कई अवार्ड और विभिन्न संस्थानों की सदस्यता मिली। अंत में वह जियोलॉजिकल सोसायटी आफ इंडिया के वाईस प्रेजिडेंट बने।

भारत में जियोकैमिस्ट्री सांइस को डिवेलपमेंट करने में इनके योगदान के कारण इनकी गिनती देश के बड़े वैज्ञानिकों में होती है।

11– सैयद वजीह अहमद नकवी : 10 अगस्त 1954 को यूपी के अमरोहा शहर में जन्म लेने वाले सैयद वजीह अहमद नकवी देश के जाने-माने Marine Scientist हैं। वह National Institute of oceanography ( NIO ) के डायरेक्टर और LOHAFEX में चीफ इंडियन साइंटिस्ट रह चुके हैं।

उनकी शिक्षा अमरोहा , बरेली , लखनऊ शिया कालेज में हुई। 1974 मे उन्होंने लखनऊ युनिवर्सिटी से फिजिकल कैमेस्ट्री में एम एस सी की डिग्री हासिल की और अंत में उन्होंने पूना युनिवर्सिटी से पीएचडी पूरी की।

उसके बाद उन्होंने council of Scientific Industrial Research ( CSIR ) की फेलोशिप पर National Institute of oceanography ( NIO ) गोवा में अपने कैरियर की शुरुआत की ,और 2016 में वह डायरेक्टर पद से रिटायर हुए। उसके बाद एक साल के लिए कुवैत चले गए जहां उन्होंने Kuwait Institute for Scientific Research में काम किया इसी बीच आई आई टी कानपुर में भी एक वर्ष विजिटिंग प्रोफेसर रहे।

देश विदेश मे कई अवार्ड्स से सम्मानित किए जा चुके हैं जिससे विज्ञान क्षेत्र का सबसे बड़ा पुरस्कार शांति स्वरूप भटनागर अवार्ड भी शामिल है।

…..जारी…

सगीर ए ख़ाकसार

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