स्वतंत्र भारत के कुछ मशहूर मुस्लिम वैज्ञानिक ( भाग 1 )

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इण्डो नेपाल पोस्ट की यह नई श्रृंखला देश के प्रसिद्ध मुस्लिम वैज्ञानिकों और उनके योगदान पर केंद्रित है।विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में इन वैज्ञानिकों के योगदान के बारे में बता रहे हैं ….खुर्शीद अहमद !जो फिलवक्त कतर में रहते हैं आप मूलतः यूपी के सिद्धार्थनगर जिले के बढनी के रहने वाले हैं।प्रस्तुत है इस श्रृंखला की पहली किस्त….!


खुर्शीद अहमद
डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम

1– : डाक्टर ए पी जी अब्दुल कलाम: पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम साहब के बारे में कुछ लिखना सूरज को चिराग दिखाना है इनका नाम ही काफी है इस लिए मैं यहां कुछ नहीं लिख रहा हूं

डॉ ओबैद सिद्दीकी

2– डाक्टर औबेद सिद्दीकी : यूपी के जिला बस्ती में 7 जनवरी 1932 में जन्म लेने वाले डाक्टर ओबैद सिद्दीकी की शिक्षा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और युनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो में हुई, पढ़ाई के बीच इनकी प्रसिद्धि इतनी बढ़ गई थी कि सन 1962 में मशहूर वैज्ञानिक होमी भाभा ने इन्हें भारत आ कर टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च ( TIFR ) मुम्बई के अंतर्गत बैंगलोर में national center of biological sciences की स्थापना करने की दावत दी। डाक्टर औबेद सिद्दीकी इस सेंटर के फाउंडर डायरेक्टर थे ,और अपनी जिंदगी के आखिरी समय तक यहीं काम करते रहे।

डाक्टर सिद्दीकी को जिस समय होमी भाभा ने निमंत्रण भेजा था ,उनकी आयु मात्र 30 वर्ष थी उसके बाद श्री भाभा ने प्रधानमंत्री नेहरू को अपने फैसले से अवगत कराते हुए एक खत लिखा था उसमें श्री भाभा ने जिस अंदाज से इनकी तारीफ की है पढ़ने के काबिल है एक तीस वर्षीय युवा वैज्ञानिक के लिए बहुत गर्व की बात थी।

डाक्टर सिद्दीकी देश के महान वैज्ञानिकों में से एक हैं इन्हें भारत सरकार की ओर से पद्म भूषण और पदम विभूषण से सम्मानित किया गया। इस के अतिरिक्त उन्हें बीस से अधिक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले। इन्होंने नेरो बयालोजी और जेनेटिक्स विज्ञान पर रिसर्च का काम किया 26 जुलाई 2013 को एक सड़क दुघर्टना में इनकी मृत्यु हो गई।

डॉ ज़हूर कासिम

3– डाक्टर ज़हूर कासिम — अंटार्कटिका महाद्वीप पर भारतीय ध्वज फहराने वाले मशहूर वैज्ञानिक डाक्टर ज़हूर कासिम को कौन भूल सकता है 1926 में यूपी के इलाहाबाद जिला में जन्म लेने वाले डाक्टर कासिम की शिक्षा मजीदिया कालेज इलाहाबाद , अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और युनिवर्सिटी कालेज आफ नार्थ वेल्स में हुई वह 1991–1996 में प्लानिंग कमीशन आफ इंडिया के सदस्य और 1989-1991 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के वाईस चांसलर रहे

उनका विषय समुंद्री जीव विज्ञान था , 9 जनवरी 1982 को इनके नेतृत्व में 21 सदस्यीय भारतीय दल ने अंटार्कटिका महाद्वीप में भारतीय ध्वज फहराया था इन्हें पद्म श्री व पद्म भूषण के अतिरिक्त कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया 2015 में इनकी मृत्यु हो गई
…..जारी

सग़ीर ए खाकसार

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