यात्रा संस्मरण; स्वयम्भू नाथ मंदिर ,जहां से दिखता है काठमाण्डु वैली का खुबसूरत नज़ारा!

विदेश समाज

सड़क से ही मंदिर का लुक शानदार दिख रहा था।यह काफी ऊंचाई पर था।शहर से करीब 03 किमी बाहर रहा होगा यह बौद्ध मंदिर।पहुंच कर पता चला कि इसे बंदर मंदिर भी कहा जाता है।बन्दरों की तादाद बहुत ज़्यादा थी।खाने पीने की चीज़ों को आपके हाथों से घात लगाए ये बंदर कब झपट्टा मारकर उड़नछू हो जाएंगे आपको पता भी नहीं चलेगा।यह मंदिर काफी ऊंचाई पर एक पहाड़ी पर स्थित है।जहां सीढ़ियों पर चढ़कर पहुंचना था।सीढ़ियों के दोनों तरफ हरे भरे बृक्ष थे और भगवान बुद्ध की अनेकों मूर्तियां।

काठमाण्डू दर्शन/स्वयम्भू नाथ मंदिर

सग़ीर ए ख़ाकसार


काठमाण्डू के पश्चिम में स्थित स्वयम्भू नाथ मंदिर एक प्रसिद्ध बौद्ध मंदिर है।प्राकृतिक और स्थापत्य कला दोनो दृष्टिकोण से बहुत ही आकर्षक और मनमोहक।यह बौद्ध स्तूप भी विश्व सम्पदा सूची में भी शामिल है।ड्राइवर कम और दोस्त ज़्यादा भाई संजीव ने स्वयम्भू नाथ पहुंचते ही कहा कि मैं अब गाड़ी में कुछ देर आराम करता हूँ आप लोग घूम कर आइये।यहां आपलोगों को कुछ ज़्यादा समय लगेगा।

सड़क से ही मंदिर का लुक शानदार दिख रहा था।यह काफी ऊंचाई पर था।शहर से करीब 03 किमी बाहर रहा होगा यह बौद्ध मंदिर।पहुंच कर पता चला कि इसे बंदर मंदिर भी कहा जाता है।बन्दरों की तादाद बहुत ज़्यादा थी।खाने पीने की चीज़ों को आपके हाथों से घात लगाए ये बंदर कब झपट्टा मारकर उड़नछू हो जाएंगे आपको पता भी नहीं चलेगा।यह मंदिर काफी ऊंचाई पर एक पहाड़ी पर स्थित है।जहां सीढ़ियों पर चढ़कर पहुंचना था।सीढ़ियों के दोनों तरफ हरे भरे बृक्ष थे और भगवान बुद्ध की अनेकों मूर्तियां।इन्ही सीढ़ियों के दोनों तरफ ज़रूरी सामानों की छोटी छोटी दुकाने भी।

करीब 250 फिट की ऊंची पहाड़ी पर यह प्राचीनतम बौद्ध मंदिर स्थित है।आप यहां से काठमाण्डू घाटी की खूबसूरती का नज़ारा देख सकते हैं।फिलहाल मेरी तो हिम्मत करीब 150 फिट पर जवाब दे गई और मैं थक हार कर सीढ़ियों पर बैठ गया।लेकिन आप जब काठमाण्डू आएं तो इतनी ऊर्जा ज़रूर बचा कर रखें कि आपको इस मंदिर के टॉप पर पहुंच कर काठमाण्डू घाटी का खूबसूरत और विहंगम नज़ारा देखना है।

(जून,2018 की मेरी काठमाण्डु यात्रा पर आधारित है यह यात्रा संस्मरण)

Loading