एसजेवीएन ने 679 मेगावाट लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना के निष्पादन के लिए
आईबीएन नेपाल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

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  -चन्द्रकान्त पाराशर शिमला हिल्स


शिमला :12 जुलाई, 2021।इण्डो नेपाल पोस्ट


 
एसजेवीएन तथा नेपाल के निवेश बोर्ड (आईबीएन) के मध्य 679 मेगावाट लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना के विकास के लिए  समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर 11 जुलाई को काठमांडू, नेपाल में हस्ताक्षर किए गए हैं। समझौता ज्ञापन पर नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन तथा सुशील भट्टा, सीईओ, आईबीएन द्वारा हस्ताक्षर किए गए ।


 
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर नेपाल के माननीय उप प्रधानमंत्री, बिष्णु प्रसाद पौडेल तथा नेपाल में भारत के माननीय राजदूत, विनय मोहन क्वात्रा की गरिमामयी उपस्थिति में किए गए। इस अवसर पर सीईओ एसएपीडीसी, अरुण धीमान तथा सीएफओ, एसएपीडीसी, लजितेंद्र यादव के साथ नेपाल सरकार एवं एसजेवीएन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस मौक़े पर शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन लिमिटेड ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली (आईसीबी) के माध्यम से 679 मेगावाट लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना को  हासिल किया है, जिसमें अन्य मुख्य कंपनियों ने भी भाग लिया था । लोअर अरुण जल विद्युत परियोजना नेपाल के संखुवासभा तथा भोजपुर जिलों में स्थित है। इस परियोजना में कोई जलाशय या बांध नहीं होगा और यह 900 मेगावाट अरुण3 जलविद्युत परियोजना का टेल रेस विकास होगा। इस परियोजना में चार फ्रांसिस प्रकार के टर्बाइन होंगे। परियोजना पूरी होने पर प्रति वर्ष 2970 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन होगा। निर्माण गतिविधियां शुरू होने के पश्चात परियोजना को चार वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह परियोजना एसजेवीएन को बूट (BOOT) आधार पर 25 वर्षों के लिए आवंटित की गई है।
 
शर्मा ने एसजेवीएन को लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना के लिए डेवलपर के रूप में चुनकर एसजेवीएन की क्षमताओं और दक्षताओं में विश्वास बनाए रखने के लिए नेपाल सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने भारत और विदेश में एसजेवीएन के सभी प्रयासों में समर्थन देने के लिए विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने आगे बताया कि एसजेवीएन ने 900 मेगावाट अरुण-3 परियोजना के निष्पादन के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके वर्ष 2008 में नेपाल में अपनी यात्रा आरंभ की थी। परियोजना निर्माण गतिविधियों की शुरुआत वर्ष 2018 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली द्वारा संयुक्त रूप से परियोजना की आधारशिला रखने के साथ हुई । इस परियोजना के निष्पादन में आईबीएन तथा नेपाल सरकार का सक्रिय सहयोग एवं समर्थन निरंतर प्राप्त हो रहा है ।
 
उन्होंने आगे बताया कि 900 मेगावाट अरुण- 3 जलविद्युत परियोजना ने गत तीन वर्षों में कोविड-19 की वैश्विक महामारी के बावजूद महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है और परियोजना की निर्माण गतिविधियाँ पूरे जोरों पर हैं। महामारी के कारण किसी भी देरी को कम करने के लिए एसजेवीएन ने पहले ही त्वरित योजना लागू कर दी है और इस परियोजना को समय से पहले कमीशन करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि आईबीएन तथा नेपाल सरकार के निरंतर समर्थन के बिना इस प्रकार की प्रगति हासिल करना संभव नहीं था।
नंद लाल शर्मा ने बल देकर कहा कि आर्थिक व्यवहार्यता के लिए तथा बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए जलविद्युत को एकीकृत नदी बेसिन विकास दृष्टिकोण के साथ विकसित किया जाना चाहिए । इस दृष्टिकोण के परिणामस्वरूप संसाधनों का पूरी तरह उपयोग किया जा सकेगा तथा कम लागत पर तेजी से परियोजनाएं पूरी होंगी। उन्होंने नेपाल सरकार से एसजेवीएन को नेपाल में जलविद्युत के दोहन के लिए सरकार के साथ साझेदारी में और अवसर प्रदान करने का भी अनुरोध किया।

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