मुग़ल दरबार की होली !

उत्तर प्रदेश ताज़ा खबर पूर्वांचल भारत शिक्षा समाज

:तुज़क-ए-जहांगीरी’ और ‘ज़हांगीरनामा’ में बादशाह जहांगीर की होली के उल्लेख भरे पड़े है। संगीतप्रेमी जहांगीर इस दिन आमलोगों के लिए संगीत की शानदार महफिलों का आयोजन करते थे। होली को ‘ईद-ए-गुलाबी’ नाम उन्हीं के काल में दिया गया। शाहजहां के भी बेगमों के अलावा अपने दरबारियों के साथ रंग खेलने के कई उल्लेख मिलते हैं।

ध्रुव गुप्त

मुग़ल दरबार में होली की शुरुआत बादशाह अकबर से मानी जाती है। ‘आईन-ए-अकबरी’ के अनुसार अकबर को होली का इतना शौक था कि वे साल भर ऐसी चीजें जमा करते थे जिनसे होली के रंगों की बौछार दूर तक भेजी जा सके। होली के रोज वे किले से बाहर निकल आम-ओ-खास के साथ रंग खेलते थे। फूलों से रंग बनाकर हौदों में भरे जाते थे और पिचकारियों में गुलाबजल और केवड़े का इत्र डलता था। :तुज़क-ए-जहांगीरी’ और ‘ज़हांगीरनामा’ में बादशाह जहांगीर की होली के उल्लेख भरे पड़े है। संगीतप्रेमी जहांगीर इस दिन आमलोगों के लिए संगीत की शानदार महफिलों का आयोजन करते थे। होली को ‘ईद-ए-गुलाबी’ नाम उन्हीं के काल में दिया गया। शाहजहां के भी बेगमों के अलावा अपने दरबारियों के साथ रंग खेलने के कई उल्लेख मिलते हैं। औरंगज़ेब ने अपने दरबार में होली पर पाबंदी लगा दी थी।

मुगलों में शायद सबसे ज़ोरदार होली शायर बादशाह बहादुर शाह जफर की हुआ करती थी। उन्होंने होली को लाल किले का शाही उत्सव बना दिया था।

जफर के दरबार की होली में बादशाह का आम जनता के साथ खूब मिलना-जुलना होता था। ज़फर के बेटे मोहम्मद शाह रंगीला की होली भी कमाल की होती थी। होली के ऐतिहासिक विवरणों के अलावा बादशाहों की होली के कई खूबसूरत पेंटिंग्स भी उनके दरबारी चित्रकारों ने बनाए थे जो आज देश-दुनिया के कई संग्रहालयों में सुरक्षित हैं। मुगल काल के मुस्लिम कवियों – रसखान, नजीर अकबरबादी, महजूर लखनवी, शाह नियाज के अलावा बहादुर शाह जफर ने भी होली पर बहुत सारे खूबसूरत गीत लिखे थे जिन्हें होरी नाम दिया गया। उनकी एक चर्चित होरी आप भी देखें !

क्यों मोपे मारी रंग की पिचकारी
देख कुंवरजी दूंगी गारी
भाज सकूं मैं कैसे मोसो भाजो नहीं जात
थांडे अब देखूं मैं बाको कौन जो सम्मुख आत
बहुत दिनन में हाथ लगे हो कैसे जाने देऊं
आज मैं फगवा ता सौ कान्हा फेंटा पकड़ कर लेऊं
शोख रंग ऐसी ढीठ लंगर से कौन खेले होरी
मुख बंदे और हाथ मरोरे करके वह बरजोरी

(लेखक रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी हैं,फिलवक्त स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं)

Loading