“ज़रा याद उन्हें भी कर लो”- चाणक्य की नीतियों से रूबरू हुए जे एस आई स्कूल के छात्र

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पचपेड़वा, बलरामपुर,11 फरवरी ,2023। इंडो नेपाल पोस्ट


छात्र छात्राओं के चतुर्मुखी विकास व बौद्धिक स्तर को ऊंचा उठाने के लिए ये ज़रूरी है कि वो राष्ट्रनायकों,युग पुरुषों के जीवन और उनके संघर्षों से परिचित हों,वो उनके सिद्धांतों, एवं आदर्शों को आत्मसात करके सफलता के नए नए कीर्तिमान बना सकते हैं।


इसी उद्देश्य के तहत बलरामपुर जिले के पचपेड़वा स्थित जे.एस. आई.स्कूल में हर शनिवार को एक नए श्रृंखला “ज़रा याद उन्हें भी कर लो”की शुरुआत की गई है।जिसके तहत युग पुरुषों और महानायकों के जीवन और उनकी वीर गाथा से बच्चों को रूबरू कराया जाता है।


इस शनिवार 11 फरवरी को श्रृंखला की 14 वीं कड़ी में आचार्य चाणक्य के व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा की गई ।मुख्यवक्ता डॉ उमेश पटेल,प्रवक्ता ने कहा कि चाणक्य एक कुशल रणनीतिकार, राजनीतिज्ञ व तक्ष शिला विश्वविद्यालय में आचार्य थे।उनका जीवन संघर्षों व रहस्यों से भरा पड़ा है।


आज से करीब 2300 साल पहले उनका जन्म हुआ था।उन्होंने छोटी छोटी रियासतों में बंटे भारत को एकीकृत करने का भी प्रयास किया।


उन्होंने मौर्य वंश की स्थापना की ।वो चंद्रगुप्त के प्रधानमंत्री थे। राज्य का संचालन कैसे हो ,इसके लिए उन्होंने अपनी पुस्तक “अर्थ शास्त्र” में सप्तांग के सिद्धांत”का प्रतिपादन किया।जिसमें स्वामी अथवा राजा,अमात्य,जनपद,दुर्ग,दण्ड व मित्र आदि के ज़रिए राज्य संचालन का तरीका बताया।


एलएमटी के अध्यापक वसीम खान ने कहा कि आचार्य चाणक्य के विचार व नीतियां आज भी प्रसांगिक हैं ,वो बहुत ही सादगी पूर्ण जीवन जीते थे।एक बड़े साम्राज्य का प्रधानमंत्री होने के बाद भी वो साधारण सी कुटिया में रहते थे।उनका कहना था राजा को अपने राजधर्म का पालन करना चाहिए और जनता के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।


प्रबंधक/पत्रकार सग़ीर ए ख़ाकसार ने कहा कि चाणक्य का मानना था कि संविधान ही सर्वोपरि है ।आज से 2300 साल पहले उन्होंने धर्मशास्त्र व परंपरा आधारित राज्य शासन को नकार दिया था और संविधान को ही जनकल्याण के लिए हितकारक बताया था।

अध्यापक किशोर श्रीवास्तव ने कहा कि आचार्य चाणक्य यवनों के आक्रमण से बहुत आहत थे ।वो सभी छोटे छोटे राज्यों को एकत्र कर यवनों को परास्त करना चाहते थे उन्होंने ने भारत के एकीकरण का काम किया जो उस वक्त छोटी छोटी रियासतों में बंटा हुआ था।


अध्यक्षता वरिष्ठ अध्यापक रवि प्रकाश श्रीवास्तव ने संचालन किशन श्रीवास्तव ने किया।


इस अवसर पर मुदस्सिर अंसारी, अलका श्रीवास्तव,साजिदा खान,नेहा खान,सुशील यादव,सचिन मोदनवाल, शमा,पूजा विश्वकर्मा,फरहान खान,तबस्सुम,वंदना चौधरी,अंजली कसौधन, आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

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